दोस्तों ,
वायु सेना आपको हमेशा टॉप पर रहना सिखाती है। मगर किसी कारन वश जो ट्रेनिंग में कोई ट्रेनी सिर्फ़ कुछ नम्बर से ही पास होता है तो उसको वीक ट्रेनी का खिताब दे दिया जाता है , और फ़िर सिलसिला शुरू होता है- रेगुलर क्लासेस का , बस पढ़ाई ही पढ़ाई , मगर कुछ लोग बुराई मैं भी अच्छाई खोज लेते हैं -वीक ट्रेनी बनना महंगा मुझे पड़ गया ,
दोपहर से शाम तक फकुल्टी के चक्कर लगा के दिमाग मेरा सड़ गया ।
सच कहूँ तो ट्रेनिंग में वीक ट्रेनी की बुरी हालत है।
फैलिएर्स भी कहते हैं तुम पर तो लानत है ।
स्ट्रोंग ट्रेनी मुझसे बात नही करते हैं ,क्योंकि -
मेरी सारी ड्यूटियां वाही लोग करते है।
मेरी वीकनेस से परेशान एक स्ट्रोंग ट्रेनी बोला -
उसने अपने मन में दबी भावनाओं का पिटारा खोला -
बोला- प्रिय कभी तो स्ट्रोंग बन जाओ।
कभी हमारे साथ भी पी.टी. , परेड का लाभ उठाओ।
मैं बोला- "मेरे बलवान दोस्त ! सच कहूँ तो मैं रोज जिम जाता हूँ ।
और स्ट्रोंग बनने के लिए मैदान के चार चक्कर लगता हूँ ।"
वह बोला- फ्लाईट कमांडर फैकल्टी चलो अभियान चला रहे हैं।
'एनी डाउट ' का नारा प्रशिक्षक लगा रहे हैं ।
मैं बोला - मेरे बल वान दोस्त ! डाउट तो हमें सपने भी नही आते हैं।
ये तो केवल आप हैं ,जो बेचारे प्रशिक्षकों को सताते हैं ।
इस लिए तुम इस सीमा से बाहर निकलो,
और एक बात मेरी सुन लो-
'" कोई वीक बना कोई पास हुआ , कोई टोपर बन कोई खास हुआ।
इस जहाँ में जो जितना बड़ा हुआ, उसके उतना ही बांस हुआ ।"
इस लिए तो कहता हूँ -
"कोई पास करे या टॉप करे , सब ने समान ही पाया है ।
तू मौज मन और मस्ती कर, तू मोह न कर सब माया है. "
"नभ: स्पर्श दीप्तम- I "
बढ़िया लिखा है आपने ।
जवाब देंहटाएंplease remove word verification then it will be easy to comment. Thanks
गुलमोहर का फूल
शर्मा जी बहुत ही अच्छा लिखा है। लिखते रहना
जवाब देंहटाएंkya baat hai, keep on writing
जवाब देंहटाएंkya baat hai, keep on writing
जवाब देंहटाएंSO FUNNY
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