मंगलवार, 9 अगस्त 2011

आज मेरी शादी है

 सुनो   हमारी  बात  ,ध्यान  से  मेरे  साथी!


मैं दुल्हा , वो  दुल्हन  होगी ,


और  बनोगे  तुम बाराती ..


नाच -नाच कर  धूम  मचाना ,


धूम मचा  कर ,रंग  ज़माना ,


आशा  है  की  तुम  आओगे ,


गीत  ख़ुशी  के  तुम गाओगे ,


मैं  खुस  हूँ  ,क्या  तुम्हें  बताऊँ ,


मुझे  मिला  है एसा   साथी ,


वह  मेरा  ख्वाबों  का  साथी,


प्यारा  मेरा जीवन -साथी.

दुष्ट व्यक्ति यदि आपको सम्मान भी दे तो सावधान

समाज में दो प्रकार के मनुष्य सदा से ही पाए जाते रहें हैं – सज्जन और असज्जन | अलग अलग युगों में हम उन्हें विभिन्न नामों से पुकारते रहें ...