इतनी कवितांयें सुन जाना
, बता कहॉ से लाऊं ।
ह्रदय स्रोत मेरी कविता का ,
चल आज तुझे दिखलाऊं।
सच्चा प्रेम सनेह भला क्या ?
समझ नहीं मैं पाया।
किन्तु प्रिये तेरी यादों को ,
कभी भुला ना पाया।
, बता कहॉ से लाऊं ।
ह्रदय स्रोत मेरी कविता का ,
चल आज तुझे दिखलाऊं।
सच्चा प्रेम सनेह भला क्या ?
समझ नहीं मैं पाया।
किन्तु प्रिये तेरी यादों को ,
कभी भुला ना पाया।