सुनो हमारी बात ,ध्यान से मेरे साथी!
मैं दुल्हा , वो दुल्हन होगी ,
और बनोगे तुम बाराती ..
नाच -नाच कर धूम मचाना ,
धूम मचा कर ,रंग ज़माना ,
आशा है की तुम आओगे ,
गीत ख़ुशी के तुम गाओगे ,
मैं खुस हूँ ,क्या तुम्हें बताऊँ ,
मुझे मिला है एसा साथी ,
वह मेरा ख्वाबों का साथी,
प्यारा मेरा जीवन -साथी.
भाई मेरे, मुझे तुम्हारी कवितायेँ पढ़कर बहुत निराशा हुई और मैं बहुत देर तक सोचता रहा कि तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले.
जवाब देंहटाएंदूसरों की झिलाइटिस वाली कवितायेँ पढ़के मैं तंग आ चुका हूँ. तुम्हारी हल्की-फुल्की कविताओं ने दिल लुभा लिया.