ये दूरियाँ मुझको तेरे नजदीक लातीं हैं ,
ये जिन्दगी क्या है तेरे बिन ये बतातीं हैं,
तू है मेरी और ... सिर्फ मैं तेरे लिए हूँ ,
इस जगत में मैं अकेला ही नही हूँ ,
ये दूरियाँ मुझको तेरे नजदीक लातीं हैं ,
ये जिन्दगी क्या है तेरे बिन ये बतातीं हैं ,
ये जिन्दगी क्या है तेरे बिन ये बतातीं हैं,
तू है मेरी और ... सिर्फ मैं तेरे लिए हूँ ,
इस जगत में मैं अकेला ही नही हूँ ,
 इस कथन का विश्वास ये मुझको कराती  हैं ,
 ये दूरियाँ मुझको तेरे नजदीक लातीं हैं ,ये दूरियाँ मुझको तेरे नजदीक लातीं हैं ,
ये जिन्दगी क्या है तेरे बिन ये बतातीं हैं ,
 सुन प्यार करना है ,तुझको बहुत जाना ... 
 और वक़्त कम है ... 
 इस वक़्त का अहसास ,  ये मुझको कराती हैं ..... 
 ये दूरियां मुझको तेरे नजदीक लातीं हैं , 
 यह ज़िन्दगी क्या है तेरे बिन ,ये बताती हैं,
 
 
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी एक मात्र एसा साधन है जिस से पाठक अपने मन की बात लेखक से कह सकता है.इसलिए हे मेरे पाठक मित्र! आप को मेरा ब्लॉग और उसमें लिखी बात कैसी लगी,जरा यहाँ नीचे लिख दीजियेगा ,अपने नाम के साथ